Kab Tak Soyega


 कब तक सोएगा अफसोस के आंसू तू कब तक रोएगा


तेरी मंजिल तुझे पुकार रही है


सफलता तुझे सकार रही है


आगे क्यों नहीं बढ़ता तू


मंजिल को क्यों नहीं छूता तू


कब तक नाकामियों में यूं ही पड़ा रहेगा


कामयाबी का जश्न आखिर तू कैसे मनाएगा


बस


बहुत हो गया


आंखें सुज गई अब सोते सोते मन हार गया होगा, अब रोते रोते 


बहुत दर्द होता है इस जिंदगी में जब जिंदगी में हम खुद से मिलते हैं सब खोते खोते


तुझे तब तक कुछ नहीं हासिल होगा जब तक तू बिस्तर में पड़ा रहेगा,  


आलस्य में तना रहेगा , शौक से सोता रहेगा तुझे कुछ नहीं मिलने वाला


देख ले जमाने को कहां से कहां आ गया 


अब जरा खुद को देख क्या था और आज क्या बनकर रह गया


कितना सोचता है यार तू दिन रात सपने भी लाजवाब देखता है 


लेकिन जब वक़्त उन्हें पूरा करने का मिलता है तू कमबख्त बनकर उसे सोने में गंवाता है


एक दिन तू रोएगा अपनी इन्हीं हरकतों की वजह से सब कुछ खोएगा


उस दिन तू नहीं सोएगा 


क्योंकि तेरी नींद को भी उस  दिन तुझ तक आने में शर्म आयेगी,  


आंखें तेरी नम होंगी और शर्म में तुझे इतना गम  मिलेगा की उस दिन तू चाहकर भी रातों तक नहीं सोएगा


यार मुझे सच में ये बात समझ नहीं आती है 


तुम लोगों को जिंदगी का एहसास  इतना लेट से कैसे होता है


एक उदाहरण के लिए ले लो 


मान लेते हैं 75 साल एक औसत  जिंदगी है एक औसत आदमी की। 


अगर वो दिन का दस बारह घंटे सिर्फ सोने में  बर्बाद कर देगा, तो जिंदगी क्या खाक जिएगा 


उसने 30-35 साल तो यूं ही हवा में उड़ा दिए अब क्या खाक जिंदगी मिलेगी दोबारा उसे


अरे एक दिन तो सब को सोना ही है वो भी गहरी चैन की नींद में 


लेकिन उससे पहले इस जिंदगी की कीमत कौन अदा करेगा।


जिस दिन बूढ़े हो जाओगे, चलना फिरना  भारी हो जाएगा उस दिन तो सोना ही है। 


बिस्तर पर पड़ना ही है लेकिन उससे पहले आज देखो 


जब दिमाग में ताकत है, शरीर में ऊर्जा है 


जवान हो, मजबूत हो तो आज क्यों सोते हो ..!


आज अगर कुछ बना नहीं पाए ना तो कल बुढ़ापे की नींद भूल जाना 


दर्द से तड़पना पड़ेगा खुद ही खुद का सेवक होना होगा 


क्योंकि कौन ऐसे आदमी को पूछेगा जो पूरी जिंदगी बस सोता ही रहा है 


जीवन में उसने घंटा कुछ उखाड़ा ही नहीं


अरे मेरे भाई … सुधार जा । संभल जा । 


कब तक नींद में यूं ही सोता रहेगा


सब लुट जाएगा, बर्बाद हो जाएगा तू चाहकर भी कुछ बचा नहीं पायेगा।


देख ज़रा … गौर से होश में आकर देख । 


तेरे ही दोस्तों, तेरे ही साथियों  ने तयारी भी शुरू कर दी है अपना Future Set करने के लिए ।


देख ज़रा गौर से देख । 


जमाना कितना ज्यादा चमक चुका है। कितनी तेजी से आगे बढ़ रहा है।


तू इस दौड़ में वाकई बहुत पीछे छूट जाएगा 


अगर वक़्त पर नहीं जाग पाएगा,  और यूं ही सोता रह जाएगा।


वो कहावत तो सुनी ही होगी ना ..! आज अगर मेहनत करने की उम्र में आराम करने का ख्वाब रखोगे


तो कल आराम करने की उम्र में झक मारके मेहनत करनी पड़ेगी ।


अगर जिंदगी भर, उम्र भर सुकून से सोना है तो अभी जागना सीखो ।


जमाने की दौड़ में इससे तेज भागना सीखो ।


खुद को गौर से देखो । पहले क्या थे और आज सच में क्या बनकर रह गए हो ?


बर्बाद नहीं होना चाहते तो अब भी वक़्त है नींद से बाहर आओ । आखिर कब तक सोओगे ?


इतना वक्त नहीं बचा मेरे दोस्त । वक़्त बहुत कम है, और जिम्मेदारियां बहुत ज्यादा । 


सोकर यूं ही करेगा वक़्त बर्बाद तो कैसे पूरा करेगा अपने सपनों का वादा ।


आज रात की नींद लो ऐसी गहरी नींद जो आज से पहले कभी ना ली हो।


लेकिन याद रखना …। कल सुबह का सूरज उगते ही तुम बिस्तर से उठ जाने चाहिए।


कल से कोई आराम नहीं , सोना तो बिल्कुल नहीं।


हां, रात ढलेगी और जब ऐसा लगेगा कि आज अपने मेहनत का एक एक कतरा हम लगा चुके हैं


तब आनी चाहिए नींद


और वो भी सिर्फ उतनी


जितना शरीर को फिर से Charge कर सके अगले सवेरे के लिए ,


एक नए सपने के लिए ।


जिनके सपने बड़े होते हैं ना उन्हें नींद नहीं सताती 


माना कि तुमने सपने देखे ही नहीं खुद को उस लायक कभी समझा ही नहीं


लेकिन इसी पर ये भी सच है जिन पर जिम्मेदारियां कई होती है ना,


उन्हें भी नींद परेशान नहीं कर सकती


तुम्हारे सपने बेशक बड़े हो या ना हो , लेकिन जिम्मेदारियां जरूर बड़ी होंगी ।


बस गलती ये कर लेते हो


की उन जिम्मेदारियों को भूल जाते हो। उन जिम्मेदारियों को भूलो मत ..


एक गरीब या Middle Class घर में पैदा होना वाला  लड़का अगर ये बोलता है


कि मुझे आराम करना है। नींद आती है । मुझे सोना है , पढ़ने का मन नही है,  


कसम से कह रहा हूं इससे बड़ा मजाक और इससे  ज्यादा शर्म की बात कुछ और हो ही नहीं सकती ।


तुम्हारे किस्मत में खुद का मुकाम लिखा है। अब निर्भर तुम पर करेगा ,


मेहनत का हाथ थामकर कामयाबी लिखते हो या सोने  का बहाना खोजकर नाकाम रहते हो ।


शाहरुख खान का वो High Voltage Motivational  Speech शायद तुम सभी ने सुना होगा 


जिसमे वो कहते हैं । कभी बहाने मत बनाओ ।


अभी तुम्हारी उम्र है मेहनत करने की । तुम्हारे सिर पर बाल है, शरीर और दिमाग में ताकत है।


एक उम्र तक पहुंचते पहुंचते ये सब खो दोगे । ना सिर पर बाल बचेंगे , ना शरीर में जान


तो फिर इस उम्र में तुम ये नहीं  बोल सकते कि मुझे सिर्फ खाना है।  


आराम करना है।


सोना है।


ये तुम नहीं बोल सकते .


अगर तुम्हे सफल होना है,


अमीर होना है,


कामयाब होना है


तो ये सब छोड़ना पड़ेगा


और ये बात उनके जैसे सैकड़ों सफल लोगों ने कही है।


तो अब से जब भी नींद आए , उस वक़्त घर की जिम्मेदारियों को,


मा बाप की उम्मीदों को


और अपनी औकात को याद रखना।


गहरी नींद से भी जाग जाओगे


और जान लगाकर आग लगा दोगे


बेशक मेरी बोली गई बातों से बहुतों के  दिल में एक तबाही वाली आग लगी होगी। 


बस ये आग बुझनी नहीं चाहिए ।


आज के बाद सोना नहीं है, सपनों की तयारी में पागल होना है।


एक बार मेहनत की लत लगी तो याद रखना , ये तुम्हे शोहरत की  बुलंदियों पर पहुंचकर ही छोड़ेगी ।


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