The Power Of Silence || कम बोलने की ताकत ||

The Power Of Silence – कम बोलने की ताकत | 

Intro (शुरुआत)

आज की भागदौड़ भरी दुनिया में हम अक्सर भूल जाते हैं कि शांत रहने में भी एक अदम्य ताकत होती है। हम लगातार बोलते रहते हैं, शब्दों का सहारा लेकर अपने विचारों और भावनाओं को व्यक्त करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि कभी-कभी कम बोलना ज्यादा प्रभावशाली साबित हो सकता है?

शांति, या मौन, हमें अपने भीतर झांकने, अपने विचारों को स्पष्ट करने और दूसरों को गहराई से सुनने का अवसर प्रदान करता है। यह हमें धैर्य, विनम्रता और आत्म-संयम सिखाता है।

The Power Of Silence

दोस्तों आचार्य चाणक्य कहते हैं कि मोनन कल हो नास्ति 

अर्थात मौन रहने से कलह यानी कि लड़ाई झगड़े समाप्त हो जाते हैं 

यानी कि अगर आपको कोई कुछ कह रहा है तो चुप रहना ही उचित है चुप रहकर उसकी बातें सुने और उसके अनुसार काम करें चुप रहने से क्लेश नहीं होगा और लोग यह भी नहीं जान पाएंगे कि आपके मन में क्या चल रहा है


दोस्तों यह बात मैं आपको पहले भी बता चुका


हूं कि कमान से निकला हुआ तीर बंदूक से


निकली हुई गोली और मुंह से निकले हुए शब्द


कभी वापस नहीं आते जीव आपके शरीर का वो


हिस्सा है जिसमें एक भी हड्डी नहीं होती


है लेकिन यही जीभ आपकी सभी हड्डियां


तुड़वाने की ताकत रखती है ज्यादा बोलना


आपको कई सारी मुसीबतों में डाल सकता है और


वहीं कम बोलना आपको कई सारी मुसीबतों से


बचा सकता है दोस्तों शब्द आपकी ताकत भी बन


सकते हैं और आपकी कमजोरी भी दुर्योधन के


गिरने पर अगर द्रौपदी ने अपना मुंह नहीं


खोला होता और दुर्योधन को अंधे का पुद


अंधा नहीं कहा होता तो शायद दुर्योधन


पांडवों को जुए के लिए आमंत्रित नहीं करता


और नहीं ही द्रोपति का वस् रण होता और ना


ही महाभारत जैसे इतिहास का सबसे बड़ा


युद्ध होता जिसमें करोड़ों योद्ध ओ की


मृत्यु हो गई दोस्तों एक बहुत ही पावरफुल


बुक है जिसका नाम है 48 लॉज ऑफ पावर जिस


पर मैंने वीडियो भी बनाया था और उस वीडियो


में मैंने एक पॉइंट इंक्लूड किया था और वह


था हमेशा जरूरत से कम बोले हमें सिखाया


जाता है कि जितनी जरूरत हो उतना बोले


लेकिन यह पॉइंट कहता है कि जितनी जरूरत हो


उससे भी कम बोले क्योंकि आप जितना ज्यादा


बोलोगे आप उतने ही ज्यादा साधारण नजर आओगे


दोस्तों शब्द चवन्नी के 100 मिलते हैं


लोगों को कभी भी अपने शब्दों से प्रभावित


करने की कोशिश ना करें क्योंकि अगर आप


ज्यादा बोलोगे तो बहुत ज्यादा पॉसिबिलिटीज


है कि आपके मुह से कुछ ना कुछ


मूर्खतापूर्ण बात निकलेगी जो कि आपकी इमेज


खराब कर देगी वहीं अगर आप जरूरत से कम


बोलोगे तो भले आप अंदर से कितने भी बड़े


मूर्ख क्यों ना हो लेकिन आप बाहर से


स्मार्ट नजर आओगे दोस्तों यह इस दुनिया की


सच्चाई है कि जब-जब आप जरूरत से कम बोलोगे


आप नॉर्मल से ज्यादा महान और पावरफुल नजर


आओगे सो आज के इस वीडियो का हमारा यही


टॉपिक है कि कैसे चुप रहना आपको ज्यादा


पावरफुल और एक वैल्युएबल इंसान बनाएगा और


किस सिचुएशन में आपको चुप रहना चाहिए


जिससे कि आपकी जो रेस्पेक्ट है वो लोगों


की नजरों में बढ़ जाए साइलेंट रहने का


पहला फायदा साइलेंट विल मेक यू अपीयर मोर


पावरफुल यानी कि साइलेंट रहना आपको बहुत


ज्यादा पावरफुल दिखा सकता है दोस्तों एक


बहुत ही फेमस कोट है दैट अ फूल मैन इज नोन


बाइ स्पीच एंड वाइस मैन बाय हिज वर्ड्स एक


समझदार इंसान तभी बोलता है जब उसे बोलने


की जरूरत हो वहीं एक मूर्ख इंसान हमेशा


बोलता रहता है और फिर सभी लोगों उसे


बेवकूफ समझते हैं आपने कई बार यह चीज


नोटिस की होगी कि जब हम किसी से बहस करते


हैं तो बहस करने के बाद में हम सोचते हैं


कि यार मुझे उस वक्त यह चीज बोलनी चाहिए


थी मैंने यह चीज क्यों नहीं बोली अगर मैं


उस वक्त यह चीज कहता तो मैं तो सही साबित


हो सकता था उस वक्त यह चीज मेरे माइंड में


क्यों क्यों नहीं आई क्योंकि उस वक्त आपका


पूरा फोकस बोलने पर था उस वक्त आपने अपने


माइंड को टाइम ही नहीं दिया कि उस वक्त


आपको क्या बोलना चाहिए था बहस करने के


आवेश में और अपनी बात को मनवाने में हम


कुछ भी कह देते हैं और फिर सभी लोग हमारे


बारे में यही सोचते हैं कि ये तो कुछ भी


बोलता रहता है वहीं जब आप साइलेंट रहते हो


तो आप सोचते हो कि आपको क्या बोलना है और


आप उतना ही बोलोगे जितना कि जरूरी है और


जो कि सही है और साइलेंट होने के बाद में


जब आप बोलोगे तो आपके शब्दों में वजन


रहेगा और सभी लोग आपकी बातों को बहुत ही


ध्यान से सुनेंगे ये क्वालिटी आपने बहुत


सी ग्रेट पर्सनालिटी में ऑब्जर्व की होगी


कि बातचीत करते वक्त वो ज्यादातर टाइम चुप


रहते हैं और जब बोलते हैं तब बहुत ही कम


बोलते हैं और बहुत ही सही बोलते हैं


नेक्स्ट पॉइंट है नो वन कैन फूल यू और


मैनिपुलेट यू यानी कि कोई भी आपको आसानी


से बेवकूफ नहीं बना पाएगा अगर आप साइलेंट


रहना सीख गए तो दोस्तों जब भी आप किसी से


बातचीत करते हो और अगर उस वक्त आप साइलेंट


रहते हो तो आप सामने वाले की हर एक बात को


अच्छे से सुनते हो उसकी बॉडी लैंग्वेज को


नोटिस करते हो उसकी हर बात के हर पहलू को


आप अच्छे से ऑब्जर्व करते हो और फिर आप यह


समझ पाते हो कि सामने वाले का इंटेंशन


क्या है क्या यह सच बोल रहा है या फिर झूठ


बोल रहा है और क्या यह चाहता है आपसे क्या


यह मुझे बहलाने की कोशिश कर रहा है क्या


यह मुझे मैनिपुलेट तो नहीं कर रहा है या


फिर यह इंसान सच में मेरा फायदा चाहता है


आप सारी बातें बहुत ही अच्छे समझ पाओगे


अगर आप साइलेंट रहकर सामने वाले की बातों


को सुनते हो तो दोस्तों नेक्स्ट पॉइंट है


साइलेंस गेट पीपल्स अटेंशन दोस्तों हम सभी


के स्कूल में एक चीज कॉमन होती थी और वो


चीज यह थी कि स्कूल टाइम पर जब टीचर कुछ


बोल रहे होते थे तब पीछे बैठे हुए कुछ


बच्चे बीच में कीड़ा कांडी करते थे यानी


कि कुछ बातचीत करते थे और यह देखकर टीचर


एकदम से चुप हो जाते थे और उसके बाद सबकी


अटेंशन टीचर पर चली जाती थी कि आखिर टीचर


ने बोलना बंद क्यों कर दिया और इसके बाद


में जो टीचर बोलेंगे वो हर कोई ध्यान से


सुनेगा इसे कहते हैं साइलेंस का डर जो कि


लोगों को सुनने पर मजबूर कर देता है और


इसी तरीके से जब आप बातचीत करने की बजाय


चुप हो जाते हो तो लोग सोचने लगते हैं कि


ये क्या सोच रहा है यह क्या बोलने वाला है


ये चुप क्यों हो गया लोग कंफ्यूज हो जाते


हैं और आपकी बातों को ध्यान से सुनने लगते


हैं इसलिए जब भी आपको कुछ इंपोर्टेंट बात


करनी हो तो पहले आप चुप हो जाएं उसके बाद


में आप कुछ बोलें अगली सिचुएशन जिसके बारे


में आपको हमेशा चुप रहना चाहिए व है आपके


प्लांस आपके गल्स दोस्तों चाणक्य का एक


श्लोक है 

“मनसा चिंतित कार्यम वाचा नेव प्रकाश येत मंत्रण रक्षत”

आप किसी चीज पर काम कर रहे हो तो किसी भी कीमत पर उसे जाहिर ना होने दें क्योंकि इस

दुनिया में ज्यादातर लोग खुली किताब की

तरह होते हैं मौका मिलते ही अपने मन की

सारी बात कह देते हैं अब इसमें प्रॉब्लम

यह है कि अगर आप अपने गोल शेयर करते हो और

और फिर अगर आप अपने गोल अचीव नहीं कर पाए

तो लोग आप पर हसेंगे और लोग कहेंगे कि आ

रीना सिर्फ बोलता है कर नहीं पाता और फिर

लोगों की नजरों में आपकी एक गलत इमेज बन

जाएगी और आपकी जो रेस्पेक्ट है वो डाउन हो

जाएगी अपनी जुबान पर लगाम कसना बहुत ही

मुश्किल होता है अपने गोल्स अपने प्लान

सिर्फ उन्हीं लोगों को बताएं जो कि आपकी

फील्ड में एक्सपर्ट है या फिर उन लोगों को

बताएं जो कि आपको आगे बढ़ने में मदद करसकते हैं


amazon’s ने भी ऐसा ही किया जब वो फर्स्ट


टाइम क्लाउड बिजनेस में आए थे तो इस


बिजनेस से उनकी अच्छी खासी इनकम हो रही थी


और यह बात उन्होंने किसी को भी नहीं बताई


क्योंकि उस वक्त अगर वो किसी को बताते तो


कई सारे लोग इस फील्ड में आ जाते और हो


सकता था कि उनसे भी आगे निकल जाए इसलिए उस


वक्त उन्होंने यह बात किसी को भी नहीं


बताई और उस वक्त साइलेंट रहने की वजह से |

Conclusion (निष्कर्ष)

अगर आप अपने जीवन में शांति और सकारात्मकता लाना चाहते हैं, तो कम बोलने की कला सीखने का प्रयास करें। यह एक सरल लेकिन प्रभावशाली आदत है जो आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती है। कम बोलने से आप दूसरों को बेहतर सुन पाएंगे, स्पष्ट रूप से सोच सकेंगे, मजबूत रिश्ते बना पाएंगे और सबसे महत्वपूर्ण बात, खुद को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे।

आइए, कम बोलने की शक्ति का उपयोग करें और अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएं।

जय हिंद जय भारत

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